सृजन
Tuesday, May 25, 2010
(1)
उसने कुछ खास नहीं
क्षमा माँगी थी
दे न पाए क्योंकि
वह खुश है!!!
तुम्हारी इजाज़त के बिना
(2)
कईं खरोंचे,
कईं घाव भी होंगे
ढक रखना।
खोद-खोद इन्हें
अपने ही
लहू बहा मार डालेंगे
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