तपती हवाओं में
बर्फ की फ़िज़ाओं में
मेह, आंधी, धूप में
जो डटा खड़ा रहा
उसे नमन करें चलो।
पीर पर पा विजय
भूल नाते सभी
बस वतन को याद रख
सरहद पर डटा रहा
उसे नमन करें चलो।
शौर्य प्रतिमा बना
शत्रु के वार संग
घात भीतर की सह
जो अचल खड़ा रहा
उसे नमन करें चलो।
वीर वो देश का
धीर वो देश का
गर्व वो देश का
उसकी लेकर बलाएँ
दे दुआएँ मन से चलो।
है स्वतंत्र देश तो
कर्ज़ उनका है ये
कि जान वो लुटा गए
हो गए जो अमर
उन्हें नमन करें चलो।
भावना सक्सैना