Friday, September 13, 2019

हिंदी मेरी हमजोली



थपकी से सोती थी जब मैं
हिंदी में सुनती थी लोरी
बाहों के पलने में भी
बाँधी हिंदी ने ही डोरी।

साँसे माँ की, माँ के गीत
हिंदी में महसूस किए
दिल के सारे ही रिश्ते
हिंदी में मैंने हैं जिए।

पाठ पढ़ा जब भी अंग्रेजी
हिंदी ने विश्वास दिया
बनी स्नेहपूर्ण आलम्बन
मित्रों का उपहार दिया।।

मौन भी बाँचा क ख ग ने
भावों में मृदु तान भरी
तरल प्रेम उतरा नैनों में ।
हिंदी में तब बांधी डोरी ।

हिंदी मन में रही सिखाती
अंग्रेजी जब -जब बोली
पग -पग पर साथ निभाया
सदा रही मेरी हमजोली

हिंदी लेकर दूर गई
दुनिया में सम्मान दिलाया
रग-रग में भरी स्फूर्ति
हिंदी में खुद को है पाया

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