Sunday, October 7, 2012

कुछ रुके रुके पल



हर पल चलते
समय चक्र में
थम जाते हैं,
हो जाते हैं
अंकित - कुछ पल

उर अंतर में,
बस जाते हैं;
रम जाते हैं,
कर जाते हैं;
भाव विह्वल।

धुल जातीं,
स्मृतियाँ यौवन की;
अमिट रहें पर,
पी संग देखे;
पहले बादल।

हर अवसर पर,
भरा अंक में;
पर अमूल्य,
प्रथम शिशु का;
स्पर्श सुकोमल

कुछ सीले सीले भारी भी
कुछ काँटों की सी
चुभन वाले
रुक जाते हैं
कुछ अनचाहे शुष्क तरल।

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