तरु पत्र पर काँपती एक बूँद हूँ
तुम ज्योति पुँज प्रकाश का,
झिलमिल चमका देता जो
सतरंगी किरणें बिखाराता....
में धरती प्यासी सदियों की
तुम सावन का पहला बादल
मोती अपने बिखराकर,
जीवन से भर देता आँचल।
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