तकलीफ बहुत देते हैं
जब दर्द नए होते हैं
धीमे धीमे बस उर अंतर
मन के हो लेते हैं।
साँसों के संग आते जाते
हर पल संग बहते हैं
इनके ही एहसासों में
खुद को ज़िंदा कहते हैं।
जब दर्द नए होते हैं
धीमे धीमे बस उर अंतर
मन के हो लेते हैं।
साँसों के संग आते जाते
हर पल संग बहते हैं
इनके ही एहसासों में
खुद को ज़िंदा कहते हैं।
No comments:
Post a Comment