Thursday, April 26, 2018

तिर आई है हवा में फिर से
मीठी खुशबू शहतूतों की
पिघली बर्फ, दे रही दस्तक
मन की ऋतु के परिवर्तन की।
खुशियाँ मना रहा है कोई
मौसम के करवट लेने की।
ठान लिया मन ने जब कुछ
गति तो बदलेगी जीवन की।
b.s.

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